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Bhagavad Gita-Adhyay 2 Sankhya Yoga

श्रीमदभगवदगीता दूसरा अध्याय – सांख्ययोग Adhyay 2 Shlok 1 – अध्याय 2 का श्लोक 1 (अर्जुन के शोक का कारण) संजय उवाच तं तथा कृपयाविष्टमश्रुपूर्णाकुलेक्षणम्‌ ।विषीदन्तमिदं वाक्यमुवाच मधुसूदनः ॥ (१) भावार्थ : संजय ने कहा – इस प्रकार करुणा से अभिभूत, आँसुओं से भरे हुए व्याकुल नेत्रों वाले, शोकग्रस्त अर्जुन को देखकर मधुसूदन श्रीकृष्ण ने …

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Bhagavad Gita-Adhyay 1 Arjunvishadyoga

श्रीमदभगवदगीता पहला अध्याय – अर्जुनविषादयोग Adhyay 1 Shlok 1 – अध्याय 1 का श्लोक 1 (योद्धाओं की गणना और सामर्थ्य) धृतराष्ट्र उवाच धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः ।मामकाः पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत संजय ॥ (१) भावार्थ : धृतराष्ट्र ने कहा – हे संजय! धर्म-भूमि और कर्म-भूमि में युद्ध की इच्छा से एकत्र हुए मेरे पुत्रों और पाण्डु के …

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